भागलपुर। स्टेशन चौक स्थित श्री जैन श्वेतांबर मंदिर में रविवार को पर्युषण महापर्व के पांचवें दिन भगवान महावीर का जन्म वाचन महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भगवान महावीर की माता त्रिशला को गर्भधारण से पूर्व आए 14 सपनों की बोली लगाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में धर्मप्रेमियों ने भाग लिया।

पर्युषण महापर्व त्याग, तप और आत्मशुद्धि का पर्व माना जाता है। इस दौरान 8 कर्मों का दहन करने, जीव मात्र के प्रति दया रखने और आत्मा की अज्ञानता को दूर करने पर विशेष बल दिया जाता है। जन्मोत्सव के मौके पर बाल प्रभु महावीर को पालने में झुलाया गया और भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा।

मंदिर से विनोद दूगड़ ने धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि श्वेतांबर जैन परंपरा में भाद्रपद कृष्ण द्वादशी या त्रयोदशी से भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी या पंचमी तक यह पर्व अष्ट दिवसीय साधना के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान धर्मग्रंथों का पाठ, प्रवचन, दान-पुण्य और व्रत का विशेष महत्व होता है।

चातुर्मास के दिनों में जैन अनुयाई जीव मात्र की रक्षा को सर्वोपरि मानते हैं। बरसात के मौसम में सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को देखते हुए आहार-विहार में विशेष सावधानी बरती जाती है ताकि हिंसा से बचा जा सके।

दोपहर 3 बजे आयोजित जन्म वाचन में रायपुर, छत्तीसगढ़ से आईं सुश्री शालिनी पारेख और सुश्री सरला बुरार ने प्रभु जन्म वाचन प्रस्तुत किया। शाम को स्वामी वात्सल्य का कार्यक्रम संपन्न हुआ और संध्या भक्ति एवं भव्य आरती के साथ पांचवें दिन का समापन हुआ।

इस अवसर पर अध्यक्ष तरुण सहला, मंत्री प्रभाकर सिंह जैन, रविन्द्र सिंह जैन सहित विवेक दूगड़, प्रभात सिंह जैन, पंकज कुमार जैन, गौरव जैन, ममता भांडिया, तपन साहेला, दिनेश मटालिया, शरद दूगड़, अलका दूगड़, अंजू जैन और प्रतिमा भांडिया सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

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